उत्तराखंड सामान्य ज्ञान :जनपद दर्शन जानें Big history of चमोली

0
1032
उत्तराखंड सामान्य ज्ञान

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान जनपद चमोली

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान सीरीज के अंतर्गत, जनपद दर्शन में आज हम लेकर आये हैं चमोली जनपद की अदभुद जानकारी.भौगोलिक रूप से जनपद चमोली का अपना विशेष महत्व है.धार्मिक रूप से भी चमोली का न केवल उत्तराखंड में ,बल्कि संपूर्ण भारत में एक अहम स्थान है.प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम इसी जनपद में स्थित है.

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान :जनपद दर्शन जानें Big history of चमोली

चमोली भाग -1

 गढ़वाल जिले से पृथक करके चमोली को सन 1960में  नया जिला  बनाया गया. 20 जुलाई 1970 को अलकनंदा में आए बाढ़ से चमोली के अधिकांश राजकीय भवन नष्ट हो गए अतः चमोली से 11 किमी दूर स्थित गोपेश्वर में जिला मुख्यालय बनाया गया। विदिशा के नागवंशी राजा गणपति नाथ ने यहां मध्य हिमाद्रि शैली का एक विशाल मंदिर(रुद्रमाहलय) बनवाया जो अब गोपेश्वर के नाम से जाना जाता है।

उत्तराखंड के पर्वतीय नगरों में गोपेश्वर ही एकमात्र ऐसा नगर है जहां न अधिक  गर्मी पड़ती है और नहीं अधिक सर्दी।

चमोली का प्राचीन नाम लाल सांगा था।

गोपेश्वर का प्राचीन नाम गोपाल ,गोथला, गोस्थल आदि हैं।

● चमोली जिले का क्षेत्रफल 7625 वर्ग किमी है. क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जनपद है

● चमोली जिले से 6 जिलों की सीमाएं स्पर्श करती हैं कुमाऊं मंडल 3 जिलों की सीमाएं चमोली जिले से स्पर्श करती हैं।( पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा)

● चमोली राज्य का सर्वाधिक उसर भूमि वाला जिला है

● चमोली जिले में तीन विधानसभा सीट है जिसमें थराली सीट आरक्षित है।

  चमोली जनपद जनसांख्यकी

●  चमोली जिले की जनसंख्या-3,91,605

● चमोली जिले की दशकीय वृद्धि दर-5.74%

चमोली जिले का जनघनत्व-49

● चमोली जिले का लिंगानुपात-1019

चमोली जिले की साक्षरता दर-82.6

  चमोली जनपद में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल

ग्वालदम-

बागेश्वर सीमा पर स्थित चमोली का यह स्थल प्राकृतिक सुषमा के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 1960 मीटर की ऊंचाई पर एक किले के रूप में बसा ग्वालदम देवदार बांज बुरांश के घने वृक्षों से ढका हुआ है। यहां से नंदा घुंघटी, नंदा देवी व त्रिशूल हिम शिखरों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। सेब व चाय उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां कुमाऊनी गढ़वाली संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है। ग्वालदम में S.S.B का प्रशिक्षण केंद्र भी है।

 जोशीमठ-

जोशीमठ नाम संस्कृत शब्द ज्योतिर्मठ का विकृत रूप है जिसका अर्थ है शिव के ज्योतिर्लिंग का स्थल प्राचीन काल में इसे योषि कहा जाता था। जोशीमठ कत्यूरी राजाओं  की राजधानी थी जिसका पुराना नाम कार्तिकेयपुर था। जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य ने पूर्णागिरी देवी पीठ की स्थापना की यहीं पर भगवान नरसिंह का एक मंदिर है। शीतकाल में बद्रीनाथ भगवान की पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में होती है। जोशीमठ के पास क्वारी पास है जिसे कर्जन ट्रेल मार्ग भी कहा जाता है यहीं पर शंकराचार्यट्रोटकाचार्य की गुफा है

तपोवन-

यह स्थल जोशीमठ से 15 किमी की दूरी पर है जो अपने उष्ण जल स्रोतों के लिए प्रसिद्ध है यहां के गर्म जल में रोगों को नाश करने की शक्ति है

गौचर शहर-

गौचर चमोली चमोली जिले का एक कस्बा है जो सात पहाड़ियों से गिरा है गौचर अलकनंदा नदी के तट पर बसा हिल स्टेशन है। 1938 में पंडित नेहरू गौचर आए थे नेहरू जी के जन्मदिन 14 नवंबर 1943 ईस्वी से गौचर औद्योगिक मेले का प्रारंभ कमिश्नर बर्नेडी द्वारा किया गया।

पर्यटक स्थल औली

औली चमोली जिले में एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है यह स्कीइंग खेलों के लिए लोकप्रिय स्थल है स्कीइंग हेतु उपयुक्त समय दिसंबर -मार्च में होता है औली नंदा देवी, माणा, हाथी व गौरी पर्वतों से घिरा है।

गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा औली में 1987 ईस्वी से स्कीइंग महोत्सव मनाया जाता है। औली परियोजना का शुभारंभ जुलाई 1983 ईस्वी को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया। अक्टूबर 1993 ईस्वी को औली में शीतकालीन क्रीड़ा स्थल एवं रज्जू मार्ग का कार्य पूर्ण हुआ यह एशिया का सबसे लंबा और ऊंचा रोपवे है जिसकी लंबाई 4.15 कमी0 है।

पर्यटक स्थल माणा गांव

माणा गांव चमोली जिले में स्थित राज्य का अंतिम गांव है पुराणों में माणा का नाम मणिभद्रपुरी है। माणा के पास केशव प्रयाग में सरस्वती और अलकनंदा नदी का संगम है माणा के पास सरस्वती नदी पर पाषाण शिला पुल(भीम पुल)है। माणा के पास नीलकंठ चोटी है जिसे गढ़वाल की रानी के नाम से जाना जाता है।

रूपकुंड

रूपकुंड चमोली में रहस्यमई ताल है जिसे कंकाली ताल भी कहा जाता है क्योंकि यहां हजारों कंकाल पाए गए हैं रूपकुंड में आज भी राजा यशधवल व रानी बल्पा और उनके सैनिकों के कंकाल विद्यमान है रूपकुंड को दुनिया की नजर में लाने का श्रेय स्वामी प्रणवानंद को जाता है.

ये भी पढ़े-http://UTTRAKHAND GK: जानें प्रथम कौन

ये भी पढ़े–http://UTTRAKHAND GK:जनपद दर्शन भाग-3 चंपावत

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान जनपद चमोला भाग-2

प्रिय पाठकगण जनपद चमोली का सारा मैटर एक ही पोस्ट में नहीं दिया जा सकता है.इसलिए हमने इसको 2 भागों में बांटा है.सीरीज का अगला भाग अगली पोस्ट में दिया जा रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here