उत्तराखंड सामान्य ज्ञान मंत्र क्या है?
आज के इस अंक में ‘उत्तराखंड सामान्य ज्ञान मंत्र’ को जनपदवार फोकस किया गया है.13 जनपदों का राज्य उत्तराखंड का सामान्य (general) अध्ययन की दृष्टि से काफी महत्व है.प्राक्रतिक भौगौलिक संरचना का अध्ययन भी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे अंक दिला सकता है.आज हम टिहरी जनपद के भाग-2 से महत्वपूर्ण जानकारी shere कर रहे हैं.
टिहरी जिले की प्रमुख झीलें एवं ताल भी हैं उत्तराखंड सामान्य ज्ञान मंत्र के अंग
- सहस्त्र ताल
गढ़वाल क्षेत्र की सबसे बड़ी और गहरी ताल है सहस्त्र ताल कहीं तालों का समूह है इस ताल के दक्षिण पश्चिम में विशाल चट्टाने और उत्तरी छोर पर फूलों से आच्छादित समतल भूमि है
- यम ताल
यह ताल टिहरी के सहस्त्र ताल के समीप है यह सदैव बर्फ से ढका रहता है।
- महासर ताल

सहस्त्र ताल से कुछ ही दूरी पर बाल गंगा घाटी में स्थित यह ताल दो कटोरे नुमा तालों से निर्मित है इस ताल को भाई बहन ताल भी कहा जाता है।
- बासुकी ताल

यह ताल लाल रंग की पानी के लिए प्रसिद्ध है इसी ताल में नीलकमल भी खिलते हैं।
- मनसूर ताल
टिहरी में स्थिति यह ताल खतलिंग ग्लेशियर के ठीक सामने स्थित है इसके पास भिलंगना नदी की सहायक नदी दूध गंगा का उद्गम स्थल दूध गंगा हिमनद है पर्यटकों को यहां राजहंस देखने को मिलते हैं।
- अप्सरा ताल
यह ताल टिहरी में बूढ़ा केदार के पास है इसे अक्षरी ताल भी कहा है।
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इसके अलावा- द्रोपदी ताल, जराल ताल,भिलंग ताल, आदि टिहरी गढ़वाल में स्थित है।
टिहरी जनपद में स्थित गुफाएं एवं कुंड भी हैं सामान्य ज्ञान के भाग
- विश्वनाथ गुफा
टिहरी में क्या शंकराचार्य की तपस्थली थी
- गर्भजोन गुफा
- शंकर गुफा- देवप्रयाग
- वशिष्ठ गुफा
- शिव कुंड (देवप्रयाग)
- नाग कुंड (टिहरी)
उत्तराखंड सामान्य ज्ञान मंत्र की दृष्टि से टिहरी जनपद के प्रसिद्ध मंदिर ।
- पलेठी का सूर्य मंदिर
यह मंदिर हिंडोला खाल देवप्रयाग टिहरी में है जो लुलेरा-गुलेरा घाटी में स्थित है।
भारतीय पुरातत्व विभाग के एन.एस. घई व वी रमेश ने अक्टूबर 1968 में अभिलेखों का अध्ययन किया।
- सुरकुंडा देवी
यह राज्य का इकलौता सिद्ध पीठ है जहां गंगा दशहरे पर विशाल मेला लगता है।
यह मंदिर चंबा मसूरी रोड के सुरकंडा शिखर पर स्थित है।
मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में रौसली की पत्तियां दी जाती है टिहरी जनपद में सुरकंडा देवी का बहुत महत्व है।
यह मंदिर दुर्गा देवी माता का मंदिर है जगतगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित यह मंदिर 3 शक्तिपीठ (सुरकंडा देवी व चंद्रबदनी) में से है
मंदिर में सिरोही का एक विशाल वृक्ष है।
- चंद्रबदनी मंदिर
यह मंदिर टिहरी में चंद्रकूट पर्वत पर स्थित है और मंदिर में अखंड ज्योति निरंतर प्रज्वलित रहती है।
इसी मंदिर को भुवनेश्वरी पीठ भी कहा गया है।
मंदिर में पशु बलि प्रथा 1969 ईस्वी को समाप्त करने का श्रेय स्वामी मनमंथन को जाता है।
- रघुनाथ मंदिर
यह मंदिर देवप्रयाग में स्थित है इस मंदिर की शैली द्रविड़ शैली है।
रघुनाथ मंदिर के द्वार पर मथुरा वैराणी का एक लेख है जो पृथ्वीपति शाह के समय का है।
इसके अलावा- सेम- मुखेम नागराज मंदिर, रथी देवता मंदिर, सत्येस्वर महादेव मंदिर, देवलसारी महादेव मंदिर आदि टिहरी जनपद में
टिहरी जले के प्रमुख मेले एवं त्यौहार।
अगर किसी कम्पटीशन को fight करना है तो उत्तराखंड के मेले और त्यौहार भी उत्तराखंड सामान्य ज्ञान मंत्र के अभिन्न पार्ट हैं.
- वीर गब्बर सिंह मेला
यह मेला प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को टिहरी के चंबा में लगता है चंबा चौक पर पीर गब्बर सिंह की मूर्ति भी है।
- मौण मेला
यह मेला अल्गाड नदी में लगता है जो टिहरी जनपद में है इस मेले में मछलियों को पकड़ने का रिवाज है।
- रण भूत कौशिक यह मेला टिहरी में लगता है इस मेले में भूत नृत्य किया जाता है।
इसके अलावा-
- सुरकंडा मेला चंबा टिहरी में लगता है।
- सेम मुखेम मेला टिहरी में 26 नवंबर को लगता है।
- कुंजापुरी पर्यटक विकास मेला नरेंद्र नगर टिहरी गढ़वाल में अश्विन नवरात्रि को लगता है।
- नाग टिब्बा मेला टिहरी के जौनपुर परगने में लगता है।
- यमुना घाटी क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास मेला नैनबाग टिहरी में लगता है।
प्रमुख ग्लेशियर/ बुग्याल एवं घाटियां
- खतलिंग ग्लेशियर
यह ग्लेशियर राज्य के तीन जिलों के संगम टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग पर है जहां प्राकृतिक शिवलिंग मिलता है।ग्लेशियर और घाटियां भी सामान्य ज्ञान के प्रमुख मंत्र हैं।
संभवत विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
प्रसिद्ध बुग्याल जनपद टिहरी
- जौराई बुग्याल
- मासरताल बुग्याल
- पवलीकांठा बुग्याल
- खरसोली बुग्याल
- कोटली बुग्याल
Uttarakhan Gk preparation प्रमुख शोध/ संस्थान जनपद टिहरी
- हिमालय नक्षत्र विशाला
यह वेधशाला देवप्रयाग में है इसकी स्थापना 1946 में चक्रधर जोशी ने की।
- राज्य पुलिस प्रशिक्षण अकादमी नरेंद्र नगर में 2011 से हैं।
- टिहरी में सीनियर नाटक क्लब की स्थापना 1917 में भवानी दत्त उनियाल ने की थी।
- राजीव गांधी साहसिक खेल प्रशिक्षण अकादमी टिहरी जनपद में है।
- शिवानंद आश्रम मुनी की रेती टिहरी में है।
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टिहरी बांध परियोजना(Tehri Dam Project)
टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना 12 जुलाई 1988 में हुई।
फरवरी 1989 से THDC ने टिहरी जल परियोजना का कार्यभार संभाला।
टिहरी बांध बनाने की स्वीकृति योजना आयोग द्वारा 1972 में दी गई यह बांध एशिया का सबसे ऊंचा वह दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा बांध है जो भागीरथी व भिलंगना के संगम पर बना है जिसकी ऊंचाई 260.5 मी0 है।
इस बाँध का कार्य 1978 में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने प्रारंभ किया तथा इस परियोजना को राष्ट्र की गंगा की संज्ञा दी गई।
इस बाँध की कुल 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता है जो प्रारंभ में 600 मेगावाट की परियोजना थी।
इसे एक अन्य नाम स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से भी जाना जाता है।
टिहरी बाँध का डिजाइन जेम्स ब्राउन ने बनाया था।
इस बाँध के विरोध में सर्वप्रथम आवाज कमलेन्दुमति शाह ने उठाई थी और इसके विरोध में 1970ई0को वीरेंद्र सकलानी ने बांध विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली।
1991 ईस्वी में बाँध विरोधी समिति का नेतृत्व सुंदरलाल बहुगुणा ने किया और यहां धरना देकर 76 दिनों तक बाँध निर्माण कार्य को रुका रखा.