Big knowledge gain:उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर:जनपद ऊधमसिंह नगर

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उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर की तैयारी कैसे करें।

आगामी भर्ती परिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हमने उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर की तैयारी के लिए परीक्षा पथ के नाम से सीरीज बनाई है।उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण जानकारी को जनपदवार दिया गया है। इस सीरीज का अंतिम जिला ऊधमसिंह नगर है।आज ऊधमसिंह जिले के बारे में अध्ययन करने वाले हैं।

  उधमसिंह नगर का उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर की दृष्टि से परिचय:

यह जिला कुमाऊ का सबसे दक्षिणी छोर पर बसा है। उधम सिंह नगर को 1891 में नैनीताल जिले के गठन के बाद  1892 में  नैनीताल जिले में मिला दिया गया।

30 सितंबर 1995 ईस्वी को इसे नैनीताल जिले से काटकर एक अलग जिला बनाया गया और जिले का मुख्यालय रुद्रपुर को बनाया गया।

इसकी उपनाम – गढ़ीमाल, कुमाऊं सरकार, नौ लाख माल, चौरासी कोष तल्ला देश आदि नामों से जाना जाता था।

            जिले की भौगोलिक स्थिति

उधम सिंह नगर जिला राज्य का सबसे दक्षिणी जिला है।

यह राज्य के मैदानी जिलों में से एक है जिले का अधिकतर क्षेत्र तराई क्षेत्र में पड़ता है।

उधम सिंह नगर राज्य का सर्वाधिक कृषि उत्पादक जिला है।

जिले की पूर्वी सीमा नेपाल से तथा पश्चिमी सीमा उत्तर प्रदेश से मिलती है।

उधम सिंह नगर जिले की सीमाएं दो जनपद नैनीताल चंपावत से मिलती है।

यह जिला 2542 वर्ग किमी0 क्षेत्रफल में फैला है।

      जनपद का प्रशासन

उधम सिंह नगर जिले की कुल जनसंख्या– 16,48,902

सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाला जिला उधम सिंह नगर है।

जिले का जनघनत्व– 649

जिले का लिंगानुपात- 920

जिले की कुल साक्षरता दर- 73.10%

जिले की महिला साक्षरता दर -64.5%

जिले की पुरुष साक्षरता दर -81%

राज्य में न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला उधम सिंह नगर है।

जिले में विधानसभा क्षेत्र -09

( जसपुर, काशीपुर ,खटीमा, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज)

बाजपुर– आरक्षित क्षेत्र(अनु0 जाति)

नानकमत्ता- आरक्षित क्षेत्र(अनु0 जनजाति)

जिले में तहसील – 08

( काशीपुर, किच्छा, खटीमा, बाजपुर, जसपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, सितारगंज)

उधमसिंह नगर में विकासखंड -08

( जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, सितारगंज व खटीमा)

जिले में नगर निगम -02 ( रुद्रपुर और काशीपुर)

     जिले के प्रमुख स्थल

रुद्रपुर

यह उधम सिंह नगर जिले का मुख्यालय है इस नगर को चंद वश के राजा रूद्र चंद ने बसाया था रुद्र चंद्र ने ही यहां सैन्य शिविर की स्थापना की थी।

चंद काल में रुद्रपुर को बोक्साड नाम से जाना जाता था।

रुहेला  आक्रमण के समय यहाँ  दीपचंद ने एक किले का निर्माण करवाया था।

1891 में तराई जनपद खत्म कर रुद्रपुर को नैनीताल में शामिल किया गया। यहां सर्वप्रथम रेल सेवा 1886 में प्रारंभ की गई।

उत्तराखंड ग्राम्य विकास संस्थान रुद्रपुर में ही स्थित है।

काशीपुर

काशीपुर नगर को बसाने का श्रेय चंदवंशीय राजा देवी चंद के एक अधिकारी काशीनाथ को जाता है।

बद्री दत्त पांडे के अनुसार काशीपुर की स्थापना 1639 ई0 में तथा कनिंघम के अनुसार स्थापना 1718 ई0 बताई गई है।

काशीपुर का पुराना नाम गोविषाण है और चंद काल में काशीपुर का नाम कोटा था।

कुमाऊं के प्रसिद्ध कवि गुमानी पंत की जन्मस्थली काशीपुर में ही है

चीनी यात्री ह्वेनसांग जो हर्ष के शासनकाल  में आया उसने इस नगर के मध्य कई बौद्ध मठ देखा था उस समय इसे गोविषाण कहते थे उस समय के स्तूप खंडहर गोविषाण टीले आज भी विद्यमान है।

उत्तराखंड  स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट(I.I.M) की स्थापना अप्रैल 2011 में काशीपुर में की गई, यह देश का 13वां(I.I.M) है।

इसके अलावा प्रसिद्ध द्रोण ताल व गिरी ताल भी यही काशीपुर में है।

पंतनगर

गोविंद बल्लभ पंत के नाम से नगर का नाम पंतनगर पड़ा।

17 नवंबर 1960 ई0 को पंडित नेहरू ने यहां पर देश के पहले कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।

गोविंद बल्लभ पंत  विश्वविद्यालय पंतनगर
गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर

1972 ई0 में विश्वविद्यालय का नाम बदलकर गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर रखा गया।उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर में जनपद से कई प्रश्न बनते हैं।

इस विश्वविद्यालय परिसर में वर्ष में दो बार (खरीफ व रबी के समय )कृषि कुंभ नाम से कृषि मेले का आयोजन होता है।

इस विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति एंथोनी  पार्कर स्टीवेंशन थे।

नानकमत्ता साहिब

यहां स्थल खटीमा पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सिक्खों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है।

इस का प्राचीन नाम बख़्शी था।

इसी के पास विशाल नानक सागर बाँध भी है।

सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव अपने प्रिय शिष्य बाला और मर्दाना के साथ भ्रमण करते हुए इस स्थान पर आए थे।

जसपुर

यह प्राचीन काल में शाह जफर के नाम से जाना जाता था चंदवशीय राजा के राज्यमंत्री जशोधन ने इसका नाम जसपुर कर दिया।

बाजपुर

बाजपुर नगर धूमा नदी के तट पर है इसका पुराना राम नाम मुंडिया था

इस नगर को चंदवंशीय  राजा बाज बहादुर चंद द्वारा बसाया गया।

नंधौर वन्यजीव विहार

वन्यजीव एवं वनस्पतियों के संरक्षण हेतु दिसंबर 2012 में नंधौर नदी के आसपास उधम सिंह नगर के बॉर्डर पर इस वन्य जीव विहार का गठन किया गया।

यह वन्य जीव विहार 270 वर्ग किमी0 क्षेत्र में फैला है।

इसमें मुख्यतः– बाघ, लंगूर, भालू आदि जंतु पाए जाते हैं।

                प्रसिद्ध मंदिर

बाला सुंदरी (चैती देवी) मंदिर

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर:जनपद ऊधमसिंह नगर
बाला सुंदरी (चैती देवी) मंदिर

बाला सुंदरी देवी को ज्वाला देवी एवं उज्जैनी देवी के नाम से भी जाना जाता है।

यह चंद वंश के राजाओं की कुलदेवी थी इस मंदिर के परिसर पर चैती मेला लगता है इसमें बुक्सा लोक बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।

प्रसिद्ध अटरिया देवी मंदिर रुद्रपुर में स्थित है।

मोटेश्वर महादेव या भीमाशंकर महादेव का मंदिर काशीपुर में स्थित है।

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 उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर के लिए प्रमुख त्योहार और मेले।

चैती मेला

यह मेला काशीपुर में बाला सुंदरी देवी( चैती देवी) के मंदिर में लगता है यह मंदिर शाक्त संप्रदाय से संबंधित है।

चैती मेला चैत्र मास की अष्टमी 15 दिनों तक लगता है।

अटरिया मेला रुद्रपुर में नवरात्रि के समय लगता है

                उद्योग औद्योगिक क्षेत्र

एल्डिगो सिडकुल इंडस्ट्रियल पार्क लिमिटेड सितारगंज उधम सिंह नगर का विकास सिडकुल द्वारा किया जा रहा है।

राज्य की सर्वाधिक चीनी मिल उधम सिंह नगर जिले में है।

सितारगंज में हिमालयन फूड पार्क निर्माणाधीन है।

गन्ना विकास संस्थान उधम सिंह नगर के काशीपुर में स्थित है।

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● राष्ट्रीय लघु उद्योग विकास संस्थान भी उधम सिंह                  नगर जिले में स्थित है।

औषधीय एवं सुगंधित पौध संस्थान उधम सिंह नगर के पंतनगर में है।

Conclusion -उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पेपर की तैयारी के लिए आजके अंक को पढ़ना न भूलें।

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