उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान आज किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.राज्य सेवा से जुड़ी भर्ती परीक्षाओं में लगभग 25% प्रश्न उत्तराखण्ड राज्य से ही संबन्धित होते हैं.उत्तराखंड सामान्य ज्ञान के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं.जिनकी बारीकियों को समझना जरूरी है.आप कितनी भी मेहनत कर लो ,अगर आपने सामान्य ज्ञान की तैयारी के लिये अच्छी किताब या नोट्स का चुनाव नहीं किया है तो आपकी मेहनत बेकार जा सकती है.इसीलिए हमने बहुत रिसर्च के बाद ऐसी सीरीज बनाई है ,पाठकों को फिर कहीं जाने की जरूरत ही नहीं.हमारी वेबसाइट www.thepowerofpen.in का यही उद्देश्य है कि अपने पाठकों के लिए सामान्य ज्ञान की बेहतर सामग्री जुटाई जाए,
आज के इस अंक में जनपद हरिद्वार भाग-2 पर विशेष फोकस किया गया है.भाग-1 नहीं देखा है तो कोई बात नहीं नीचे उसका लिंक मिल जाएगा.चलो शुरू करते हैं हरिद्वार जनपद की शेष जानकी.
उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान:हरिद्वार जिला भाग-2
हरिद्वार
भाग-2
पर्यटक स्थल कनखल
यह हरिद्वार का एक उपनगर है पौराणिक काल में यह नगर शिव जी के ससुर दक्ष प्रजापति की राजधानी थी दक्ष प्रजापति मंदिर या दक्षेश्वर महादेव मंदिर यही कनखल में है जिंदगी दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में शिव का कोई स्थान न देख उनकी पत्नी सती ने वर्तमान सती कुंड नामक स्थान पर जो योगाग्नि में अपने शरीर को जला दिया था कालिदास के मेघदूतम में इस नगर का वर्णन मिलता है
◆ दक्षेश्वर महादेव, नारायणी शिला,रामेश्वर महादेव, महिषासुर मर्दिनी, आदि यहां के प्रमुख मंदिर हैं
◆ यहां एक सती कुंड है
जनपद के प्रमुख मंदिर
माया देवी मंदिर
यह मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है माया देवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी है माया देवी का मंदिर मायापुर अर्थात हरिद्वार का प्राचीनतम मंदिर है
मनसा देवी मंदिर
बिल्व शिखर जो कि नगर के पश्चिम में स्थित है पर यह मंदिर स्थित है
चंडी देवी मंदिर
यहां मंदिरी शिवालिक श्रेणी के नील शिखर पर स्थित है इस मंदिर को 1929 में सुचेत सिंह ने बनवाया था
बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर
बिल्व पर्वत की तलहटी में स्तिथ है कहा जाता है कि पार्वती ने यहीं पर शिव की प्राप्ति के लिए घोर तपस्या की थी शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन भी दिए
भारत माता मंदिर

इसका निर्माण 1983 में स्वामी मित्र आनंद ने कराया और इस मंदिर का उद्घाटन इंदिरा गांधी ने किया
मकर वाहिनी गंगा मंदिर
यह मंदिर दक्षिण शैली का है इसे जगतगुरु शंकराचार्य जयेंद्र सर
स्वती ने बनवाया था इस मंदिर में काले पत्थर की गंगा की प्रतिमा है
◆ इसके अलावा यहां कुछ मंदिर समूह और भी हैं– केला देवी मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, श्रावणननाथ मंदिर, दक्षेश्वर मंदिर, गंगाधर महादेव मंदिर, गायत्री मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर आदि
सप्तऋषि आश्रम
कहा जाता है कि हरिद्वार के निकट सप्तर्षियों के आश्रम को देखकर गंगा रुक गई और यह निर्णय ना कर पाई कि किस आश्रम के सामने से प्रभावित हो गंगा को देवताओं ने साधनों में विभक्त होने को कहा और गंगा सात धाराओं में विभक्त होकर वही अतः यह क्षेत्र सप्तसरोवर और सप्तऋषि के नाम से विख्यात हुआ आज यहां सप्तऋषि आश्रम स्थापित है
प्रमुख मेले
प्रसिद्ध कुंभ मेला
भारत में 4 स्थानो पर कुंभ मेले का आयोजन होता है चारों स्थानों में से केवल हरिद्वार व प्रयाग में अर्ध कुंभ लगता है कुंभ मेला 12 वर्षों में एक बार आता है जब मेष राशि में सूर्य व कुंभ राशि में गुरु होने पर हरिद्वार में कुंभ मेला लगता है यह मेला मकर संक्रांति पर्व से लेकर गंगा दशहरा तक लगता है इस मेले का प्रारंभ हर्षवर्धन के समय से हुआ
इसके अलावा-गुघाल मेला ज्वालापुर में व जटाशंकर महादेव मेला हरिद्वार जिले में लगता है
जनपद में संस्थान और विभाग
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग

इसका मुख्यालय हरिद्वार में स्थित है लोक सेवा आयोग की अधिसूचना 14 मार्च 2001 को जारी हुई 15 मई 2001 को लोक सेवा आयोग नए संगठन के रूप में शुरू हुआ इसके प्रथम अध्यक्ष n.p. नवानी का कार्यकाल 4 माह का था
उद्योग एवं औद्योगिक क्षेत्र:सामान्य
◆ एकीकृत औद्योगिक आस्थान हरिद्वार की स्थापना सिडकुल द्वारा की गई
◆ सिडकुल की स्थापना 2002 में हुयी जिसका मुख्यालय देहरादून में बनाया गया उद्योगों की दृष्टि से सर्वाधिक उद्योग हरिद्वार में कार्यरत हैं
◆ रोजगार की दृष्टि से राज्य में सर्वाधिक इंडस्ट्रियल रोजगार हरिद्वार से प्राप्त होता है
◆ भारत हेवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड हरिद्वार रानीपुर में है
◆ राज्य की सबसे बड़ी गुड़ की मंडी मंगलौर हरिद्वार में है
◆ हीरो मोटर कॉपर कंपनी सिडकुल हरिद्वार में है
शिक्षा साहित्य व समाचार पत्र
◆ संस्कृत अकादमी की स्थापना हरिद्वार में हुई इसका वर्तमान नाम 2020 में उत्तरांचल संस्कृत संस्थानम कर दिया गया है
◆ उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय अप्रैल 2005 में हरिद्वार में बनाया गया
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय
यह देश का अकेला ऐसा विश्वविद्यालय है जो प्राचीन भारतीय विधाओं के साथ आधुनिक वैज्ञानिक विषयों, प्रबंध, प्रौद्योगिकी तथा कंप्यूटर में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है यहां आज भी गुरुकुल आश्रम व्यवस्था है
◆ इस विद्यालय की स्थापना दयानंद सरस्वती के परम शिष्य स्वामी श्रद्धानंद ने 1900 में पंजाब के गुजरांवाला में की थी 2 मार्च 1902 को इसका स्थानांतरण हरिद्वार के कांगड़ी में कर दिया गया 1924 में से कांगड़ी गांव से हटाकर कनखल और ज्वालापुर के बीच स्थापित किया गया 1962 में हीरक जयंती के अवसर पर इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला
◆ 2002 में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने स्थापना दिवस मनाया था
पतंजलि योग विद्यापीठ
यह स्थान भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में उच्चस्तरिय योग विद्या और आयुर्वेदिक हब है.उत्तराखंड सामान्य ज्ञान में इस प्रकार के संस्थानों को बारीक से समझने पर ही अच्छे अंक मिल सकते हैं।
राज्य सरकार ने 25 मार्च 2006 को एक प्रस्ताव द्वारा हरिद्वार स्थित पतंजलि योग विद्यापीठ को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया और स्वामी रामदेव को इसका आजीवन कुलाधिपति नामित किया इस विद्यापीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण है
देव संस्कृति विश्वविद्यालय
उत्तरांचल विधानसभा ने सर्वसम्मति से 22 मार्च 2002 को हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने का एक विधेयक पारित किया
◆ 11 अप्रैल 2002 को देव संस्कृति विश्वविद्यालय की विधिवत स्थापना हुई
रुड़की उपनगर
हरिद्वार का उपनगर गंगा नहर के दोनों और तथा सोनाली नदी के तट पर स्थित है इस नगर का विकास तब होना आरंभ हुआ जब ऊपर ही गंगा नहर का निर्माण कार्य शुरू हुआ इसकी परिकल्पना तत्कालीन गवर्नर थॉमसन ने की थी तथा इसका निर्माण कर्नल पी.बी. काटले के नेतृत्व में किया गया
◆ यहां हजरत अलाउद्दीन अहमद साबिर की दरगाह (पिरान कलियर) है जो हिंदू और मुस्लिम धर्म के बीच एकता की एक जीवंत मिसाल है
◆ 2013 में रुड़की को नगर निगम बनाया गया
रुड़की में प्रमुख संस्थान और अनुसंधान
आई.आई.टी रुड़की
एशिया का प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज इसकी स्थापना 1847 को रुड़की में हुई 1854 में इसका नाम बदलकर थॉमसन कॉलेज ऑफ़ सिविल इंजीनियरिंग रखा गया
◆ 21 सितंबर 2001 में रुड़की विश्वविद्यालय को देश में सातवां I.I.T का दर्जा दिया गया
◆I.I.T रुड़की भारत का एकमात्र ऐसा संस्थान जिसमें भूकंप इंजीनियरिंग का अलग विभाग है जिसकी स्थापना 1960 को हुई
इसके अलावा रुड़की में प्रमुख संस्थान व अनुसंधान केंद्र है
◆ 14 दिसंबर 1978 को राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान की स्थापना रुड़की में की गई
◆ भारतीय सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की में इसकी स्थापना 1928 में हुई
◆ केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान स्थापना 1947 को रुड़की में हुई ।
◆ बंगाल इंजीनियर ग्रुप का मुख्यालय रुड़की में है
◆ गन्ना विकास संस्थान रुड़की में स्थित है
◆ क्वांटम विश्वविद्यालय रुड़की को 2017 में
विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया
◆ रुड़की एक सैनिक छावनी है
ऊपरी गंगा नहर
इसका निर्माण 1842 से 1854 के बीच हुआ ऊपरी गंगा नहर हरिद्वार से कानपुर तक निकाली गई है इस नहर की परिकल्पना गवर्नर थॉमसन ने की थी
◆ पथरी सुपर पैसेज, सोनाली जल सेतु, रमताऊ जल सेतु,रानीपुर साईफल आदि चार छोटी नहरें ऊपरी गंगा नहर से निकलती है
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