प्रतियोगिता पथ उत्तराखंड के इस नए एपिसोड में आपका स्वागत है. आज हम जनपद देहरादून के बारे में सामान्य ज्ञान समेट कर लाये हैं.उत्तराखंड की विभिन्न प्रतियोगिता परिक्षाओं में, देहरादून जनपद से काफी प्रश्न पूछे जाते हैं. देहरादून उत्तराखंड राज्य की राजधानी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थान यहां स्थित हैं.
इंडियन मिलेट्री अकेडमी ,वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान से लेकर वन अनुसन्धान संस्थान(FRI) राष्ट्रीय संस्थान देहरादून में ही स्थित हैं. देहरादून जनपद से केवल देहरादून शहर की पूरी जानकारी पढ़ ली जाए तो किसी भी टेस्ट में सामान्य ज्ञान के प्रश्न गलत नहीं हो सकते हैं
.आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हमारी टीम ने कड़ी मेहनत और लगन से ये अंक तैयार किया है.आशा है आपको उत्तराखंड प्रतियोगिता पथ का यह सफर अच्छा लगेगा.आपके सुझाव आमंत्रित हैं.हम इस यात्रा को कैसे और बेहतर बना सकते हैं.

प्रतियोगिता पथ उत्तराखंड: देहरादून जनपद भाग: -1
देहरादून बाह्य एवं मध्य हिमालय के बीच स्थित दून घाटी में बसा है। इसका आकार दोने (द्रोण) जैसा है 1817 में इस जिला बनाकर मेरठ मंडल के अंतर्गत शामिल किया गया। 1825 ई0 को देहरादून को कुमाऊं मंडल में शामिल किया गया, 1975 ई0 में देहरादून को गढ़वाल मंडल में शामिल किया गया.9 दिसंबर 1998 देहरादून नगर निगम बनाया गया।
- मान्यता है कि महाभारत काल में यहां आचार्य द्रोण का आश्रम था इसी कारण इस घाटी को द्रोण घाटी नाम से जाना जाता है
- पंजाब से आए गुरु राम राय ने यहां एक गुरुद्वारा बनवाया था जो कि आज नगर का केंद्र है शायद गुरु राम राय द्वारा यहां डेरा डालने के कारण इसका नाम डेरादून पड़ा जो कालांतर में देहरादून के नाम से विख्यात हो गया
- इतिहासकार इससे पूर्व का स्थान का नाम पृथ्वीपुर बताते हैं।
- सन 1804 तक यह क्षेत्र गढ़वाल नरेशों के अधीन,
1804 ईस्वी में देहरादून के खुडबुड़ा मैदान में गोरखों एवं प्रद्युमन शाह के बीच युद्ध हुआ प्रद्युमन शाह मारा गया व 1804 से 1815 तक देहरादून गोरखा शासकों के अधीन रहा, तथा 1815 से स्वतंत्रता तक ब्रिटिश शासकों के अधीन रहा।
परीक्षा पथ देवभूमि उत्तरांचल देहरादून भौगोलिक विस्तार
देहरादून जनपद का अक्षांशीय विस्तार 29°57’से 38°58′ उत्तरी अक्षांश 77°35′ से 78°20′ पूर्वी देशांतर के बीच स्तिथ है।
- यह उत्तराखंड का पश्चिमी जिला है। हरिद्वार, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी आदि चार जिलों की सीमाएं देहरादून जनपद से स्पर्श करती है
- जनपद की सीमाएं 2 राज्यों से स्पर्श करती हैं पहला हिमाचल प्रदेश दूसरा उत्तर प्रदेश से।
- हिमाचल राज्य का सिरमौर जिला एवं उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद की सीमाएं लगती हैं।
- लघु हिमालय और शिवालिक हिमालय के मध्य फैले चौरस व क्षैतिज घाटियों को दून क्षेत्र कहते देहरादून जनपद का प्रशासन
जनपद की कुल जनसंख्या-16,96,694
- पुरुष-89,44,95
- महिला-80,21,99
- जिले की कुल साक्षरता-84.25%
- पुरुष साक्षरता-89.40%
- महिला साक्षरता-78.54%
- साक्षरता में राज्य में प्रथम स्थान देहरादून जनपद का है।
- जिले का जनसंख्या घनत्व-549।
- सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व हरिद्वार, उधमसिंह नगर के बाद तीसरे स्थान पर देहरादून जनपद है।
- देहरादून जिले का क्षेत्रफल 3088 वर्ग किमी है।
- विकासखंड- 06( सहसपुर, कालसी, डोईवाला, रायपुर, चकराता, विकासनगर)
- तहसीलों की संख्या –07 (चकराता,त्यूनी, कालसी ऋषिकेश, डोईवाला, देहरादून, विकास नगर)
- उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून बनाई गई है.
देहरादून जनपद के प्रमुख प र्यटक स्थल
देहरादून में निम्नलिखित प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.
गुच्चूपानी
- गुच्चू पानी जनपद का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां की रोबोस गुफाएं प्रचलित हैं जो गुच्चूपानी नाम से विख्यात है
- इंदिरा मार्केट देहरादून में है
- फन वैली हरिद्वार मार्ग रोमांचकारी खेलों का आकर्षक केंद्र है। जहां पर गो- कार्टिंग, वाटरस्लाइडिंग, सबसे बड़ा लहर तालाब और 20 रोमांचकारी खेल आकर्षण का केंद्र है
- बुद्धा टेंपल-
- यहां देहरादून के क्लेमेंटटाउन में स्थित आकर्षक स्तूप है।इस टेंपल की स्थापना 28 अक्टूबर 2002 में हुई, यहां भगवान बुद्ध की 103 फीट की प्रतिमा है इस टेंपल की ऊंचाई 220 फिट है यह 5 मंजिला मंदिर है।
- घंटाघर-
- देहरादून घंटाघर की स्थापना 24 जुलाई 1948 में हुई। घंटाघर की नींव तत्कालीन राज्यपाल सरोजिनी नायडू ने रखी थी घंटाघर का उद्घाटन 1953 में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने किया
क्लॉक टावर को पहले बलवीर टावर के नाम से भी जाना जाता था।
- कालसी–
- इस का प्राचीन नाम कलकुट है। जौनसार बावर क्षेत्र के दक्षिणी भाग में यमुना नदी के किनारे स्थित है यहां की प्रसिद्ध चित्र शिला पर पाली भाषा में अशोक के 257ई0 पू0 के लेख उत्कीर्ण है
- इस लेख में ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया गया है
- भागीरथी रिजॉर्ट्स-
- सेलाकुई में पिकनिक स्पॉट है यहां लोगों के मनोरंजन के लिए हिरण व पक्षियों आदि वन्य जीव वाला जंतु उद्यान है
- ऋषिकेश–
- ऋषिकेश देहरादून का उपनगर है यह गंगा वह चंद्रभागा नदी के संगम पर स्थित है। यह हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी के बॉर्डर पर स्थित है प्राचीन काल से यह नगरी ऋषि मुनियों की तपस्थली और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रही है इसलिए इसे संतनगरी कहा जाता है
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रैभ्य मुनि द्वारा इस स्थान पर इंद्रियों को जीत कर ईश्वर को प्राप्त किया गया .इसलिए इस स्थान का नाम हृषिकेश( इंद्रियों का स्वामी- विष्णु ) पड़ा .उच्चारण दोष के कारण अब इसे ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।
- ऋषिकेश एक मात्र स्थान है जहां चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के मंदिर हैं
- ऋषिकेश नगर पालिका 1952 में बनी।
कश्मीर के राजा ललितादित्य मुक्ति पीठ ने यहां अनेक मंदिरों का निर्माण कराया था.
देव भूमि उत्तराखंड के प्रमुख दर्शनीय स्थल (प्रतियोगिता सफर) इस प्रकार हैं
- तपोवन– ऋषिकेश के उत्तरी छोर पर लक्ष्मण झूला के पास स्थित इस स्थान पर लक्ष्मण जी ने तपस्या की थी
- लक्ष्मण झूला– झूला ऋषिकेश में जो 140 मीटर लंबा वह 22 मीटर ऊंचा है। इस झूला का निर्माण 1930 में किया गया यहाँ लक्ष्मण जी का एक मंदिर भी है
- त्रिवेणी घाट– स्नान घाट है। त्रिवेणी घाट में तीन नदियों का संगम माना जाता है।
- नीलकंठ महादेव- नीलकंठ शिव मंदिर गंगा नदी के किनारे लक्ष्मण झूला से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है यहां शंभु निशंभु पर्वत है। यह पौड़ी जिले में पड़ता है
- कैलाश निकेतन मंदिर- 13 मंजिला मंदिर है जो पौड़ी जिले में पड़ता है कैलाश निकेतन मंदिर को तेरहा मंजिल मंदिर भी कहा जाता है
- कैलाश आश्रम की स्थापना 1880 में हुई।
- ऋषिकेश का सबसे पुराना मंदिर भरत मंदिर है।
- शिवानंद आश्रम– इसकी स्थापना स्वामी शिवानंद द्वारा की गई थी
- मुनी की रेती- ऋषिकेश के उत्तरी छोर पर टिहरी जिले में गंगा के दाएं और स्थित है।
- शिवपुरी रिवर राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है।
◆ ऋषि कुंड- ऋषिकेश में गर्म पानी का कुंड है
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान( एम्स )की स्थापना 2004 में ऋषिकेश में की गई।
- हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड ऋषिकेश में स्थित है।
नोट-
प्रतियोगिता पथ उत्तराखंड का यह अंक रवि इंदुद और देव इंदुस के द्वारा संकलित किया गुण है.